वायरस को रोकने की छोटी सी कीमत है लॉकडाउन, डॉक्टरों को बताया भगवान -मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि तीन हफ्ते की संपूर्ण देशबंदी वायरस के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए एक छोटी सी कीमत है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उनके इस निर्णय से लोगों को असुविधा होगी। अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के प्रतिनिनिधियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उन मुद्दों पर बात की जो लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को भगवान के बराबर बताया।


 

मंगलवार को लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली सीधी बातचीत थी। प्रधानमंत्री ने न केवल नागरिकों को आश्वस्त किया कि आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति उपलब्ध कराई जाएगी, बल्कि घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 130 करोड़ लोगों को अलग करके उनकी सहायता करने की बात कही।प्रधानमंत्री ने कहा, 'महाभारत की लड़ाई 18 दिनों तक लगातार लड़ी गई थी। हम इस लड़ाई को 21 दिनों में जीतेंगे। पूरा देश इस वायरस के खतरे से लड़ने के लिए साथ आया है और हम निश्चित तौर पर जीतेंगे। यदि हम मानते हैं कि इस लॉकडाउन से लोगों को असुविधा नहीं होगी तो हम अस्वीकार्यता में जी रहे हैं। यदि इस वायरस को यूं ही बढ़ने दिया जाए तो यह हमारे देश के लिए तबाही का कारण बन जाएगा।'

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने पुलिस और प्रशासन के सामने आने वाली चुनौतियों, गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर तालाबंदी के प्रभाव और कुछ स्थानों पर डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों के उत्पीड़न से संबंधित चिंताओं को दूर करने की मांग की जो वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें पुलिस और प्रशासन की मदद करनी होगी। लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि वे अनावश्यक रूप से उन पर दबाव न डालें। हमें उन्हें उनका काम करने में मदद करनी चाहिए और उनपर कोई बोझ नहीं डालना चाहिए। कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए सामाजिक दूरी सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसकी कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है।'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उस रिपोर्ट को पढ़कर व्यथित हो गए जिसमें कुछ लोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों को परेशान कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि यदि आपके संज्ञान में ऐसी कोई घटना आती है जिसमें डॉक्टर्स और नर्सों के साथ गलत व्यवहार किया जाता तो तो आप पहल करके ऐसे लोगों को समझाएं कि वे गलत हैं। मैंने गृह मंत्रालय और डीजीपी को उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है जो डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पेशेवरों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स, नर्सें और अन्य स्वास्थय कर्मचारी जो सफेद वर्दी में अस्पतालों में काम कर रहे हैं वह भगवान की तरह हैं। इन दिनों वे लोग 18 घंटे काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को दो-तीन घंटों से ज्यादा नींद नहीं मिल रही है। नागरिक समाज के सदस्य दिन और रात काम कर रहे हैं ताकि गरीब की मदद हो सके। हमें इन लोगों को सलाम करना चाहिए जो इस कठिन समय में समाज सेवा कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को लेकर लोगों को चेतावनी दी।