प्रदर्शनी में पायलट पंपिग सिस्टम लांच किया


ग्रेटर नोएडा : सोसायटी, मॉल्स, होटल, अस्पताल आदि में पानी चढ़ाने के लिए मोटर पंप का सहारा लिया जाता है। उच्च क्षमता होने से बिजली की खपत भी अधिक होती है। ऐसे में जर्मनी की कंपनी विलो ने इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे एक्रेक्स प्रदर्शनी में पायलट पंपिग सिस्टम लांच किया।


हाइड्रोनोमेटिक सिस्टम आइई-5 नाम का यह बूस्टर पंप पूर्णतया ऑटोमेटिक है। भवन में चालू पानी के नलों के हिसाब से यह खुद को अनुकूल बना लेता है। इससे बिजली की काफी बचत होती है।


कंपनी के मार्केटिग एंड बिजनेस डेवेलपमेंट के सीनियर मैनेजर सचिन शितोले ने बताया कि ऊंची इमारतों पर पानी चढ़ाने के लिए पंप का सहारा लिया जाता है। इनको खोलने और बंद करना एक बड़ी समस्या है। ये बिजली भी काफी अधिक खर्च करते हैं। ऐसे में यह पायलट पंपिग सिस्टम काफी कारगर है। इसको तैयार करने से पहले करीब छह महीने तक शोध किया गया। इसमें चार पंप लगाए गए हैं। बड़े तीन पंप की क्षमता 20 हजार लीटर प्रति घंटा है। एक छोटे पंप की क्षमता पांच हजार लीटर प्रति घंटा है। इसे भूतल और बेसमेंट में बनाए गए पानी के टैंक के साथ लगा दिया जाता है। इसको न तो चालू करने की जरूरत होती है और न ही बंद करने की। बिल्डिग में लगाए गए नलों के आधार पर यह सिस्टम खुद को अनुकूल बना लेता है। अधिक नल खुलने पर चारों पंप खुद चालू हो जाते हैं। जैसे-जैसे संचालित नलों की संख्या कम होती जाती है। वैसे ही पंप भी एक-एक कर काम करना बंद कर देते हैं। वहीं, चालू नलों की संख्या बढ़ने पर पंप भी एक-एक कर काम करना शुरू कर देते हैं। इसकी कीमत सात लाख रुपये रखी गई है।